क्या आप जानते हो🤷♂️? उस गुरुग्राम का इतिहास क्या है?? जिसका नाम महाभारत के द्रोणाचार्य के कारण पड़ा!! क्या आपको पता है🤷♂️? गुरुग्राम का नाम पहले क्या था?🤔 इसको कब हरियाणा का जिला बनाया गया?🤔 और वर्तमान में किस क्षेत्र में इसको शामिल किया हुआ है??🤔 यहां की जनसंख्या व इसका क्षेत्रफल क्या है? 🤔क्या आपको पता है??🤔गुरुग्राम में ऐसी क्या क्या चीज घूमने लायक जगह है?🤔 जिससे यहां पर काफी ज्यादा मात्रा में पर्यटक आते हैं 😇तो चलिए जानते है गुरुग्राम का इतिहास व इसके आसपास की घूमने की जगह के बारे में :-
गुरुग्राम के बारे में
आज मैं अपने इस पोस्ट में गुरुग्राम के प्राचिन इतिहास से लेकर वर्तमान में विकसित क्षेत्र तक के बारे में बताऊंगा जो कि इसको पहले यह गुड़गांव के नाम से बोला जाता था फिर बाद में इस जगह को दोबारा गुरुग्राम कर दिया गया। इस गुरुग्राम का इतिहास काफी कई सौ साल पहले का है यह गुरुग्राम भारत का एक ऐतिहासिक स्थान होने के साथ-साथ भारत का सबसे ज्यादा विकसित औद्योगिक क्षेत्र भी है जोकि अपने आप में विदेशों क्षेत्र से कम नहीं होगा। आप जब इस क्षेत्र में रात्रि के समय आना चाहोगे या जब घूमना के लिए आते हो तो आपको ऐसा महसूस होगा कि आप विदेश के किसी शहर में हो। गुरुग्राम या गुड़गांव ऐसा क्षेत्र है जोकि कम समय में सबसे ज्यादा विकसित होने वाला क्षेत्र है वर्तमान समय में यहां पर कई विदेशी व देश की कंपनियां होने के साथ विदेशों से लोग यहां पर घूमने व अपने व्यवसाय, नौकरी आदि से संबंधित आते रहते है।
गुरुग्राम का इतिहास
गुरुग्राम का इतिहास कई सौ साल पुराना है इसका इतिहास महाभारत के समय से लेकर देश के आजाद होने तक रहा है इस क्षेत्र ने भी देश को आजाद कराने में अपना सहयोग दिया है और वर्तमान में भी इस क्षेत्र में कई ऐसे ऐतिहासिक कार्य हुए हैं जिसके कारण इसको ऐतिहासिक क्षेत्र कहा जाता है। चलिये जानते है यहां का प्राचिन काल से लेकर देश के आजाद होने तक का इतिहास:-
महाभारत के समय का इतिहास
आज जिस क्षेत्र के बारे में मैं बता रहा हूं उसका इतिहास महाभारत के समय का है और महाभारत के समय में ही इस क्षेत्र का नामकरण हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब महाभारत के समय में जब गुरु द्रोणाचार्य द्वारा कौरवों और पांडवों को शिक्षा के समय हस्तिनापुर के राजा ने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा के तौर पर एक गांव दिया गया था जिसका नाम तभी गुरग्राम रख दिया गया था बाद में कुछ समय के बाद विकृत होकर यह को गुडगाँव नाम रखा गया।
गुरुग्राम का प्राचिन काल इतिहास
गुरुग्राम का इतिहास महाभारत के पश्चात प्राचिन काल में भी रहा है प्राचीन काल में कहां जाता है कि यहां पर सबसे पहले हिंदू लोग आकर रहने लगे थे जो अहीर धर्म के लोगो थे और फिर अहीर साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। जिसमे कुछ राजाओ व शासक ने इस क्षेत्र पर अपना शासन किया जिनमे से है मौर्य साम्राज्य के विस्तार के दौरान यह क्षेत्र चद्रगुप्त मौर्य साम्राज्य के अधीन रहा, इसके कुछ वर्षो के बाद यहां पर पहलवी और कुषाण के साम्राज्य के अधीन आया। इसके बाद यादवो वंश के साम्राज्य के अधीन यह क्षेत्र आया। इसी तरह रुददम प्रथम, गुप्त वंश, हूणों का वंश, मंदसौर के यशोवर्धन, कन्नौज के यशोवर्धन, हर्षवर्धन, गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर वंश आदि शासकों ने प्राचीन काल के अंत तक इस क्षेत्र पर अपने शासन किया।
मध्यकालीन इतिहास
जिस तरह इस क्षेत्र पर प्राचीन काल में कई शासकों ने शासन किया उसी तरह मध्यकालीन के शुरुआत से लेकर अंत तक यह क्षेत्र कई शासकों के शासन का हिस्सा रहा है जोकि तोमर वंश के बाद इस क्षेत्र पर 11वीं शताब्दी में मध्यकालीन के शुरुआत में तोमर वंश पर आक्रमण करने के बाद चौहान वंश का शासन चला, इसके बाद इसमें पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली पर शासन के साथ-साथ यहां पर भी शासन किया। 12 वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान के हार के बाद यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के अधीन आ गया और इस क्षेत्र इस्लाम धर्म के शासकों का शासन आ गया जिसमें कुतुबुद्दीन ऐबक व इसके बाद 15 वीं शताब्दी में सैयद राजवंश ने इस क्षेत्र पर शासन किया
इसी शताब्दी में ही मुगल काल के संस्थापक बाबर ने भी इस क्षेत्र पर शासन किया और इसके आगे इसी वंश के सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान दिल्ली व आगरा के साथ ही गुरुग्राम पर भी इसके सूबेदार का हिस्सा रहा। मुगल काल में औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल वंश की शक्तियां धीरे-धीरे कम होती रही और इसके बाद गुडगांव पर ब्लूज के नवाबों का शासन रहा। 17 वीं में शताब्दी में मराठा साम्राज्य काल के दौरान भी कई मराठा शासकों ने इस क्षेत्र पर अपना शासन किया
आधुनिक काल या ब्रिटिश काल
18 वीं शताब्दी तक पूरे भारत में ब्रिटिश का शासन स्थापित होने के दौरान यह क्षेत्र भी ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। जब 1857 में विद्रोह हुआ तब इसके बाद इसे दिल्ली के उत्तरी पश्चिमी प्रांतों से पंजाब प्रांत में स्थानांतरित कर दिया गया। 1861 में अंग्रेजों ने दिल्ली के जिले को पुनः स्थापित किया गया जिसमें गुरुग्राम का हिस्सा था और पुन: गठित तहसील में गुड़गांव, फिरोजपुर झिरका, नूहू, पलवल और रेवाड़ी और आधुनिक शहर गुड़गांव तहसील के नियंत्रण में आया और 1947 में गुड़गांव स्वतंत्र भारत का हिस्सा पंजाब में शामिल रह गया।
प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल ब्रिटिश काल तक के शासनकाल में इस क्षेत्र गुरुग्राम पर सदैव दिल्ली पर राज करने वाले विभिन्न शासकों ने ही इसको अपने अधिकार में लेकर शासन किया
भारत की स्वतंत्रता के बाद
भारत के आजाद होने के बाद यह क्षेत्र पंजाब में शामिल था। लेकिन जब 1966 में पंजाब को दो हिस्सों में विभाजित किया गया जिसमें हरियाणा राज्य का गठन किया गया तभी इस गुरुग्राम को 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य के एक नगर व जिले के रूप में के रूप में पहचाने जाने लगा।
औद्योगिक रूप में गुड़गांव का इतिहास
सन 1984 में मारुति उद्योग स्थापित होने के बाद यहां का क्षेत्र उद्योगों और निगमों(शहरी क्षेत्र) में वृद्धि होनी शुरू हो गई जिसके साथ ही यहां पर कई कई प्रकार के उद्योग लगाए गए और कई बड़ी-बड़ी कंपनियां उद्योग की यहां पर स्थापित हुई जिसके कारण यह क्षेत्र वर्तमान के समय में आते आते भारत के सबसे ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र व सबसे ज्यादा आय अर्जित ( चंडीगढ़ व मुम्बई के बाद करने) वाला क्षेत्र के रूप में गिना जाने लगा। आज के समय में यहां पर हर एक प्रकार के उद्योग क्षेत्र स्थापित हैं। यह हरियाणा का चंडीगढ़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा उद्योग क्षेत्र और आय प्राप्त करने वाला क्षेत्र माना जाता है
इस क्षेत्र का नाम गुड़गांव से गुरुग्राम
हरियाणा की खट्टर सरकार ने 11 अप्रैल 2016 को इस क्षेत्र का नाम गुड़गांव से बदलकर गुरुग्राम रख दिया गया था ।
गुरुग्रम की जनसंख्या व क्षेत्रफल
वर्तमान 2011 जनगणना के अनुसार म गुरुग्राम की जनसंख्या 8,86,519 थी। इसका क्षेत्रफल 1253 किलो मीटर स्क्वायर है
गुरुग्राम नाइटलाइफ के रूप में
गुरुग्राम भारत के उस शहर में शामिल है जहां पर रात को भी जगमगाती दुनिया में शामिल किया जाता है गुरुग्राम अपनी नाइटलाइफ के लिए भारत में जाना जाता है यह शहर ऐसा शहर है जिसमें आप दिन हो या रात हो हमेशा जगमगाती दुनिया की तरह दिखता रहेगा यहां पर आपको हर समय हरियाली व चकाचौंध लाइटों से भरपूर हर तरफ देखने को मिलेगा यहां पर आपको छोटी से लेकर बड़ी चीज तक और मनोरंजन के लिए हर प्रकार की सुविधा आपको यहां पर मिलेगी जहां पर मॉल, क्लब, डांस बार, होटल, मनोरंजन पार्क, सिनेमा हॉल, डिस्को क्लब, आदि सब देखने व मनोरंजन के लिए देखने को मिलेगा।
गुरुग्राम साइबरहब सिटी के रूप में
गुरुग्राम को साइबर हब सिटी के नाम से भी जाना जाता है यहां भारत की विभिन्न कंपनियां साइबर के रूप में कार्य करती है यह हरियाणा ही नहीं पूरे भारत के लिए साइबरसिटी माना जाता है गूगल की कंपनी भी यहां पर स्थित है। इस सिटी में टॉप आईटी और फॉर्चून की लगभग 500 कंपनियां स्थित है और आप यहां पर एक कॉरपोरेट पार्क हाउसिंग है यहां पर आप अपने दोस्तों और ऑफिस के लोगों के साथ दोपहर के समय में इस पार्क का आनंद उठा सकते हैं। यह गुरुग्राम साइबर सिटी हब और बीपीओ कंपनियों का केंद्र माना जाता है
गुरुग्राम में पर्यटन स्थल और ऐतिहासिक अन्य जगह
अगर आज के समय में हम गुरुग्राम की बात करें तो गुरुग्राम यह शहर व जिला है जिसमें सबसे ज्यादा घूमने लायक जगह और सबसे बड़ा शहर के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र में आपने औद्योगिक होने के साथ ही सबसे ज्यादा आय अर्जित देने वाला क्षेत्र भी माना जाता है। इस शहर में ऐसी बहुत सी जगह व चीजें देखने को मिलेगी जो आप लोगों के लिए काफी लाभदायक व एंजॉयमेंट होगी और इसमें कई ऐसी जगह भी है जिसका अपना अलग इतिहास रहा है:-
1. शीतला माता मंदिर
यह शीतला माता मंदिर जहां पर मां देवी दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक है यह गुरुग्राम का सबसे बड़ा मंदिर कहे जाने वाला है यहां पर देश ही नहीं विदेशों से भी लोग पूजा करने आते हैं ऐसा माना जाता है। यहां पर त्योहारो ,दिवाली या नवरात्रों में काफी भीड़ होति है व मेला देखने को मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर एक तालाब भी हुआ करता था जिसकी अपने अलग एक मान्यता होती थी। हालांकि आज वह एक सूखा बन चुका है जहां से भक्त वहां की मिट्टी लेकर जाते है। यह इफको चौक मेट्रो स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर दूर पड़ता है।
2. किंगडम ऑफ ड्रीम्स( सांस्कृतिक जगह)
3. अप्पू घर (एक मनोरंजन जगह)
4.चाइना गार्डन मॉल
5. अरावली जैव विविधता पार्क
यह पार्क गुरुग्राम का अरावली जैव विविधता पार्क है। इस पार्क में भी पर्यटक अच्छे से घूम सकते हैं और यहां का आनंद ले सकते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु व पक्षी पाए जाते हैं। यह पाक जून 2010 में विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर खोला गया था। इस बात में आप विभिन्न प्रकार के पौधे भी आपको देखने को मिलेंगे जय जगह परिवार व दोस्त के साथ घूमने की अच्छी जगह है। यह 1.54 किलोमीटर वर्ग में फैला हुआ है। यहाँ का नियर मेट्रो स्टेशन अर्जुनगढ है
6. सुल्तान पक्षी पार्क
हुड्डा सिटी मेट्रो स्टेशन से करीब 22 किलोमीटर दूर ही सुल्तान पक्षी पार्क है जो कि सुलतानपुर बर्ड सैंक्चुअरी द्वारा निर्मित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है यहां पर प्रकृति और पक्षियों को काफी शब्द के प्रति समान माना जाता है यहां पर पर्यटकों के लिए घूमने की काफी अच्छी यह जगह है इस पार्क में कई तरह के पक्षी देखने को आपको मिलेंगे जहां पर कुल 250 प्रजातियां के पक्षी पाए जाते हैं ।
7. महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क
गुरुग्राम में ही महाराणा प्रताप पार्क है यार जिसको स्वर्ण जयंती पार्क भी कहा जाता है यह पार्क में आप आराम से सुबह शाम व्यायाम और घूमने के तौर पर आ सकते हैं। यह गुरुग्राम के सेक्टर 14 में स्थित है। जय इफको चौक मेट्रो स्टेशन के नजदीक है
8. एम्बिएंस माल
गुरुग्राम में तो वैसे कई तरह के मॉल है जिसमें आप शॉपिंग और व घूम सकते हैं लेकिन एंबिएंस मॉल गुरुग्राम का सबसे बड़ा मॉल कहा जाता है और यह जयपुर हाईवे पर स्थित है यहां पर दिल्ली, यूपी, हरियाणा के अन्य जगह से शॉपिंग करने, घूमने और पार्टी करने के लिए आते आते हैं। इस मॉल के अंदर भारतीयों के साथ ही विदेशी लोग भी अपने जरूरत के हिसाब से इस में आते हैं।
9. दमदमा झील
दमदमा झील सोना से 8 किलोमीटर दूर स्थित है और गुरुग्राम के मुख्य केंद्र से 22 किलोमीटर दूर स्थित है इसकी प्रकृति सुंदरता के बारे में पता करने के लिए है मछली पकड़ने के पर्यटक शौकीन के लिए जगह सुखद है और इसलिए हरियाणा ने पर्यटक निगम ने एक पर्यटन केंद्र जैसे दमदमा बनाया है यहां पर गर्मियों के मौसम में आप यहां का आनंद उठा सकते हैं
10. लोहागढ़ फर्म्स
गुडगांव में ही सोहना के पास दमदमा झील के अलावा लोहागढ़ फार्म्स भी गुड़गांव की एक घूमने की जगह है इस जगह को गांव का स्वरूप दिया गया है यह हाथों से बने मिट्टी के बर्तन भी मिलते हैं साथ एक बेहतरीन कला भी यहां सिखाई जाती है यहां नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेक्टर 55-56 का है
11. फारूक नगर का किला
गुरुग्राम जिले के अंतर्गत एक फारुकनगर आता है जिसमें फारुकनगर का किला 1732 में फौजदार खान द्वारा स्थापित किया गया था जोकि फारुख शेयर के गवर्नर के रूप में काम करते थे यह कस्बा अपने नमक के व्यापार के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। यह सुल्तान नेशनल पार्क के पास स्थित है और गुरुग्राम से लगभग 28 किलोमीटर दूर है यहां का एक अलग इतिहास है यहां का इतिहास जानने के लिए(........)
12. पटौदी पैलेस
यह पैलेस गुरुग्राम के प्रमुख देशों में से गिना जाता है। यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस जगह को इप्राइम कोटि के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पटोटी सा परिवार से संबंध रखता है इस प्लेस का निर्माण 1935 में नवाब इब्राहिम अली खान द्वारा करवाया गया था यह क्षेत्र 25 एकड़ के उस में फैला हुआ जिसमें कई सुंदर बगीचे वह महल और फव्वारे हैं
13. विंटेज कार संग्रहालय
गुरुग्राम में ब्रिटिश का संग्रहालय बनाया गया हुआ है जो कि भारत में परिवहन के इतिहास का पता लगाने के लिए स्थापना की गई थी यह संग्रहालय ऑटोमोबाइल, रेलवे विमान आदि के साथ कई पुरानी टेक्नोलॉजी का संग्रह प्रदर्शन होता है इसमें पर्यटक भारत में निर्मित विभिन्न प्रकार की टेक्नोलॉजी का अनुभव कर सकते हैं यहाँ मेट्रो स्टेशन सेक्टर 55 56 है
14. गुरुग्राम गांव
गुरुग्राम के इतिहास के रूप में देखा जाए तो यहां पर एक गांव की है जिसका नाम गुरुग्राम गांव है यही वह जगह है जहां पर गुरु द्रोणाचार्य महाभारत काल में अपने छात्रों को शिक्षा देते थे आज यह गुरुग्राम गांव के नाम से जाना जाता है यह सीतला माता मंदिर के ही पास स्थित है।
15. गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन
स्टेशन के स्थापना गुरु द्रोणाचार्य के देखते ही ध्यान में रखकर किया गया है इस स्टेशन से यह महसूस होता है कि यह शहर गुरु द्रोणाचार्य के द्वारा ही अस्तित्व में आया हुआ था इस स्टेशन पर आप महसूस कर सकते हैं कि यह जगह महाभारत काल से जुड़ी हुई थी
गुरुग्राम की अन्य जगह से दूरियां
यह क्षेत्र भारत के राज्य हरियाणा के जिले में है जो कि दिल्ली से लगभग 36 किलोमीटर दूर स्थित है। और उत्तर प्रदेश के यूपी 47 किलोमीटर दूर स्थित है। और फरीदाबाद से 34 किलोमीटर दूर है।
यहां के लिए यातायात के साधन
आप इस जगह पर किसी भी साधन द्वारा आ जा सकते हैं यहां पर आप कार, बस, रेल, हवाई जहाज दिल्ली मेट्रो आदि के द्वारा आ सकते हैं:
1. भारतीय रेलवे द्वारा
इस जगह गुरुग्राम के नाम से ही यह रेलवे स्टेशन का नाम गुरुग्राम रेलवे स्टेशन रखा गया है पहले इस स्टेशन को गुड़गांव के नाम से जाना चाहता था लेकिन जैसे ही गुड़गांव का नाम गुरुग्राम हुआ वैसे ही इस रेलवे स्टेशन का नाम भी गुरुग्राम रख दिया गया यहां पर भारतीय रेल के दिल्ली व कई अन्य जगह से आने वाली रेल यहां पर जरूर रूकती है। यह रेलवे स्टेशन गुरुग्राम केंद्र से 8.5 किलोमीटर द
2. हवाई जहाज के माध्यम द्वारा
आप यहाँ पर हवाई जहाज के माध्यम से आ सकते हैं यहां का हवाई जहाज, हवाई अड्डा इंदिरा गांधी हवाई अड्डा है जो कि दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर स्थित है यह हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा गुरुग्राम से 18 किलोमीटर दूर है।
3. दिल्ली मेट्रो रेल के माध्यम द्वारा
गुरुग्राम में आप दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा संचालित मेट्रो रेल द्वारा भी आप यहां उत्तर प्रदेश के नोएडा व गाजियाबाद या दिल्ली से आ सकते हैं। गुरुग्राम में सबसे पहला मेट्रो रेलवे स्टेशन अर्जुनगढ है। यहां पर रैपिड मेट्रो रेल भी संचालित है जो कि दिल्ली मेट्रो रेलवे का ही हिस्सा है।
4. सड़क मार्ग के माध्यम द्वारा
गुरुग्राम में आप सड़क मार्ग के माध्यम से बस व कार द्वारा यहां पर आ सकते हैं। यह प्रमुख शहर विभिन्न सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है यहां पर कई राजमार्ग भी है जैसे दिल्ली जयपुर राजमार्ग।
दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी गुरुग्राम का इतिहास के बारे में और अन्य स्थल के बारे में अच्छी लगी होगी तो आप यह जानकारी अपने दोस्तो मे शेयर करे।
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